तेरा अस्तित्व न था ये स्वीकार करती हूँ हमने ही गलती की ये इकबाल करती हूँ, तेरा अस्तित्व न था ये स्वीकार करती हूँ हमने ही गलती की ये इकबाल करती हूँ,
पीर बना दिया है तुमने। पीर बना दिया है तुमने।
कैसा रोना और एक कल्पना के लिए। कैसा रोना और एक कल्पना के लिए।
अलिंगन में बंध कर अलिंगन में बंध कर
दूध की भूख लगी हो हमको या हमको रोटी खानी हो हमें क्या चाहिए हमें माँ चाहिए। दूध की भूख लगी हो हमको या हमको रोटी खानी हो हमें क्या चाहिए हमें...
नफरत द्वेष और ईर्ष्या का श्राद्ध व तर्पण करना होगा, ना हो कभी दुश्वारी की राहें प्र नफरत द्वेष और ईर्ष्या का श्राद्ध व तर्पण करना होगा, ना हो कभी दुश्वारी की...